साइबर सुरक्षा बनाम सूचना सुरक्षा

फर्क क्या है और यह क्यों जरूरी है

साइबर सुरक्षा बनाम सूचना सुरक्षा
साइबर सुरक्षा बनाम सूचना सुरक्षा

परिचय: असली बात

अक्सर लोग साइबर सुरक्षा (Cybersecurity) और सूचना सुरक्षा (Information Security) को एक ही समझ लेते हैं जबकि ऐसा नहीं है
साइबर सुरक्षा का मतलब है सिस्टम, नेटवर्क, ऐप और डिवाइस को डिजिटल हमलों से बचाना, सूचना सुरक्षा का मतलब है जानकारी (information) की रक्षा करना चाहे वह किसी भी रूप में हो, कहीं भी रखी हो

अगर आप इन दोनों को गड़बड़ करते हैं तो नतीजा यह होता है कि आप गलत जगह पैसे और समय लगाते हैं, और फिर भी सुरक्षा में ऐसे गैप रह जाते हैं जिनसे कोई भी हमलावर अंदर आ सकता है

सीधी बात: आपको दोनों चाहिए ये काफी हद तक एक-दूसरे से जुड़े हैं, लेकिन इनका फोकस अलग है आइए समझते हैं

आसान परिभाषाएं

  • सूचना सुरक्षा (Information Security) : जानकारी की गोपनीयता, अखंडता और उपलब्धता (Confidentiality, Integrity, Availability) की रक्षा करना इसमें नीतियां, डेटा वर्गीकरण, एक्सेस कंट्रोल, जोखिम प्रबंधन, ऑडिट और कानूनी अनुपालन शामिल होते हैं फोकस सूचना संपत्ति (information asset) पर होता है, न कि सिर्फ टेक्नोलॉजी पर

  • साइबर सुरक्षा (Cybersecurity) : डिजिटल माहौल (digital environment) की सुरक्षा करना जिसमें यह जानकारी रखी और प्रोसेस की जाती है इसमें नेटवर्क सुरक्षा, एंडपॉइंट सुरक्षा, सिक्योर कोडिंग, आइडेंटिटी मैनेजमेंट, SOC मॉनिटरिंग, और खतरे से निपटने की तैयारी शामिल है

आसान याद रखने का तरीका: सूचना सुरक्षा “क्या” है, और साइबर सुरक्षा डिजिटल दुनिया में “कैसे” है

दोनों का ओवरलैप

दोनों का लक्ष्य एक ही है:

  • जरूरी संपत्ति पहचानना

  • जोखिम का आकलन करना

  • नियंत्रण (controls) लागू करना

  • निगरानी और सुधार करना

फर्क सिर्फ नजरिए में है सूचना सुरक्षा कहती है: डेटा को वर्गीकृत करो, तय करो कौन एक्सेस कर सकता है, जोखिम मापो और कंट्रोल का ऑडिट कराओ
साइबर सुरक्षा कहती है: हमले रोको, ब्रेच कंटेन करो, कमजोरियां पैच करो, खतरे ढूंढो और सिस्टम को मजबूत बनाओ

CIA त्रिकोण (Triad) दोनों का आधार

Confidentiality (गोपनीयता): सिर्फ सही लोग ही सही डेटा तक पहुंच पाएं

  • सूचना सुरक्षा: डेटा वर्गीकरण, डेटा रिटेंशन पॉलिसी, एनडीए, न्यूनतम अधिकार (least privilege) नीति

  • साइबर सुरक्षा: डेटा एन्क्रिप्शन, MFA, नेटवर्क सेगमेंटेशन, DLP

Integrity (अखंडता): डेटा सही और बिना अनधिकृत बदलाव के रहे

  • सूचना सुरक्षा: चेंज मैनेजमेंट, वर्ज़न कंट्रोल, ऑडिट ट्रेल, कार्य विभाजन

  • साइबर सुरक्षा: फ़ाइल इंटीग्रिटी मॉनिटरिंग, कोड साइनिंग, चेकसम, सुरक्षित बिल्ड पाइपलाइन

Availability (उपलब्धता): डेटा और सिस्टम जरूरत पड़ने पर उपलब्ध रहें

  • सूचना सुरक्षा: BIA, RTO, वेंडर SLA

  • साइबर सुरक्षा: हाई अवेलेबिलिटी, बैकअप, DDoS सुरक्षा, इन्सिडेंट रिस्पॉन्स

साइबर सुरक्षा और सूचना सुरक्षा के बीच ओवरलैप
जहाँ ये क्षेत्र मिलते हैं

असली फर्क को समझने के उदाहरण

उदाहरण 1: लैपटॉप खो जाना

  • सूचना सुरक्षा: डिवाइस एन्क्रिप्शन की पॉलिसी, डेटा वर्गीकरण, रिपोर्टिंग नीति

  • साइबर सुरक्षा: डिस्क एन्क्रिप्शन लागू करना, रिमोट वाइप, EDR, कंडीशनल एक्सेस

उदाहरण 2: डेटा सेंटर में रैनसमवेयर

  • सूचना सुरक्षा: बैकअप रिटेंशन, RTO, इन्सिडेंट रोल्स, लीगल नोटिफिकेशन

  • साइबर सुरक्षा: नेटवर्क सेगमेंटेशन, इम्यूटेबल बैकअप, EDR, नेटवर्क सेंसर, कंटेनमेंट

उदाहरण 3: नया SaaS वेंडर

  • सूचना सुरक्षा: वेंडर रिस्क असेसमेंट, डेटा प्रोसेसिंग रिव्यू, कंप्लायंस चेक

  • साइबर सुरक्षा: SSO इनेबल करना, SCIM सेटअप, टेनेन्ट सिक्योरिटी, लॉग मॉनिटरिंग

आम गलतियां

  1. सिर्फ टूल खरीदना, गवर्नेंस पर ध्यान न देना

  2. पॉलिसी बनाना लेकिन तकनीकी लागू न करना

  3. डेटा मैप न होना  जो डेटा दिखता ही नहीं, उसे बचा नहीं सकते

  4. शैडो आईटी बिना समीक्षा के टूल अपनाना

  5. कमजोर आइडेंटिटी सुरक्षा ज़्यादातर हमले चोरी हुए क्रेडेंशियल से शुरू होते हैं

दोनों को मिलाकर एक मॉडल

  1. सूचना और सिस्टम की इन्वेंट्री और वर्गीकरण

  2. न्यूनतम सुरक्षा बेसलाइन तय करना

  3. कंट्रोल के मालिक तय करना

  4. मापने योग्य मैट्रिक्स चुनना

  5. टेस्ट और ड्रिल करना

  6. तिमाही जोखिम समीक्षा और सुधार

सूचना सुरक्षा के मुख्य नियंत्रण

साइबर सुरक्षा और सूचना सुरक्षा को संरेखित करने के व्यावहारिक कदम
अगली तिमाही में यहाँ से शुरू करें
  • डेटा वर्गीकरण और हैंडलिंग स्टैंडर्ड

  • एक्सेस कंट्रोल पॉलिसी और रिव्यू

  • रेकॉर्ड रिटेंशन और डिस्पोज़ल

  • थर्ड-पार्टी रिस्क मैनेजमेंट

  • कानूनी और रेगुलेटरी मैपिंग

  • सुरक्षा जागरूकता प्रशिक्षण

  • बिजनेस कंटिन्यूटी और डिजास्टर रिकवरी पॉलिसी

साइबर सुरक्षा के मुख्य नियंत्रण

  • ज़ीरो ट्रस्ट नेटवर्क आर्किटेक्चर

  • MFA और कंडीशनल एक्सेस

  • EDR और एंटी-मैलवेयर

  • वल्नरेबिलिटी मैनेजमेंट

  • सिक्योर कोडिंग और टेस्टिंग

  • सीक्रेट मैनेजमेंट

  • लॉगिंग और थ्रेट डिटेक्शन

  • बैकअप और रिस्टोर टेस्ट

  • इन्सिडेंट रिस्पॉन्स रनबुक

संयुक्त सुरक्षा कार्यक्रम के लिए परिचालन मॉडल
नीति से व्यवहार तक

छोटी कंपनी के लिए 7 स्टेप प्लान

  1. MFA लागू करें और एडमिन अधिकार घटाएं

  2. डेटा का वर्गीकरण और एन्क्रिप्शन

  3. पैच मैनेजमेंट सख्त करें

  4. लॉग सेंट्रलाइज करें और अलर्ट तय करें

  5. बैकअप इम्यूटेबल और टेस्टेड हों

  6. नए वेंडर का रिस्क चेक करें

  7. छोटे-छोटे सीनारियो-आधारित ट्रेनिंग दें

क्षेत्रवार नियंत्रण मानचित्रण
कौन क्या करता है

इमेजप्लेसमेंट सुझाव

  1. हीरो इमेज : ऊपर हेडर में, एक शील्ड और डॉक्यूमेंट आइकन

  2. वेन डायग्राम: साइबर सुरक्षा और सूचना सुरक्षा का ओवरलैप

  3. प्रोसेस फ्लो: 5 स्टेप लूप (इन्वेंट्री, बेसलाइन, ओनर, मैट्रिक्स, ड्रिल)

  4. चेकलिस्ट: 7 स्टेप प्लान

  5. कंट्रोल टेबल: दोनों के अलग-अलग नियंत्रण

  6. SOC फोटो: इन्सिडेंट रिस्पॉन्स के दौरान

अलर्ट पर प्रतिक्रिया देता सुरक्षा संचालन केंद्र
घटनाओं के दौरान हर मिनट मायने रखता है

अंतिम बात

सूचना सुरक्षा रणनीति है यह तय करती है कि क्या बचाना है और कैसे
साइबर सुरक्षा वह इंजन है जो इस रणनीति को डिजिटल दुनिया में लागू करता है
अगर एक कमजोर है, तो दूसरा पूरी तरह सफल नहीं होगा दोनों को साथ लेकर चलना ही असली सुरक्षा है

✍️ इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ें

1 thought on “साइबर सुरक्षा बनाम सूचना सुरक्षा”

  1. Pingback: cybersecurity vs information security difference

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